Tuesday, January 19, 2010

राजे द्र सिंह ठाकुर शासन की योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभदुर्ग. 19 जनवरी 2010. छ तीसगढ़ सरकार द्वारा गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को निजी चिकि सालय में चिकि सा सुविधा उपल ध कराने एक योजना की शुरुआत की है जिसमें परिवार के मुखिया के नाम स्मार्ट कार्ड बनेगा और लगभग तीस हजार तक का इलाज मु त किया जाएगा. शासन की मंशा में कोई खोट नहीं है. यह सुविधा लागू भी कर दी गई है कि तु जिन निजी चिकि सालयों को यह सुविधा उपल ध कराना है वह जरा भी गंभीर नहीं है. जिस तरह से प्रद्श सरकार की एक अ य बड़ी योजना जिसमें गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार के ब"ाों को हृदय रोग की चिकि सा उपल ध करना है. इस योजना का व्यापक लाभ मिल रहा है और संबंधित निजी अस्पताल भी इसमें भारी रुचि दिखा रहे हैं कि तु स्मार्ट कार्ड योजना के प्रति शासन से मा यता प्रा त निजी चिकि सालयों की रुचि नहीं है जिसके कार ा गरीब मरीज स्मार्ट कार्ड होने के बाद भी मौत के मुंह में समा रहे हैं.ऐसा ही एक वा या हाल ही में दुर्ग में ाटित हुआ है. एक गरीब महिला प्रसव के बाद इ फे शन से पिड़ीत थी. उसे सरकारी अस्पताल में चिकि सा सुविधा नहीं मिली. एक निजी चिकि सालय में रिफर कर दिया गया जहां जांच पड़ताल पश्चात आईसीयू में स्थान नहीं है का बहाना बना कर भर्ती नहीं किया गया. स्मार्ट कार्ड होने के बाद उनके परिजन उसे लेकर दर-दर भटकते रहे कि तु किसी अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया.आखिर परिजन थकहार कर उसे ार ले गए जहां दो दिनों बाद उसकी मौत हो गई.योजनाएं चाहे कितनी बढिय़ा यों न हो लेकिन जब तक उसका सही क्रिया वयन नहीं हो तब तक उसका कोई लाभ नहीं है. इस ाटना सेयह बात साफ हो गया कि गरीब का कोई नहीं है . सरकार सिर्फ योजना लागू करने का काम न करे बल्कि यह भी देखे कि योजना का लाभ गरीबों को हो रहा है अथवा नहीं. आखिर उस गरीब महिला की मौत के लिए कौन जि मेदार है. ऐसे लोगों के विरु द स ती की जरुरत है .ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ गरीब से गरीब व्य ित को हो सके.--------------

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