Thursday, January 14, 2010

पांच सितारा से तंबु तक का सफर

राजे द्र ठाकुर
भाजपा के राष्ट्रीय अ यक्ष नितिन गडकरी का अपने ही पार्टी के नेताओं को यह सीख देना
अच्छा लगा कि आगामी दिनो में आयोजित राष्ट्रीय परिषद में शामिल होने वाले नेता पांच
सितारा होटलों की बजाए तंबु में रुके. ाी गड़करी स्वयंसेवक हैं इसलिए भाजपा में सं ा की
संस्कृति विकसित करना चाहते हैं लेकिन आज भाजपा के राष्ट्रीय परिषद मेंशामिल होने वाले
कितने नेता सं ा से जुड़े हैं. स ता के चकाचौंध में गांधारी की तरह जिनके आंखों में भ्रम की
पट्टी बंधी है वह तो तंबु में भी मौजमस्ती का हनीमून मना कर लौट आएंगे. या इससे
भाजपा फिर से के द की स ता में लौट पाएगी. दरअसल सं ा की नजरों में भाजपा का ाटता
जनाधार चिंता का विषय बनता जा रहा है. आज सं ा इस बात को लेकर ज्यादा चिंतित है कि
भाजपा फिर से स ता में कैसे आएगी.सं ा प्रमुख का नितिन को पार्टी अ यक्ष बनाने की
वकालत करना इस बात की पुष्टि करता है कि सं ा अ ाोषित रुप से भाजपा की बागडोर
संभाल चुकी है. सं ा भाजपा में भी वही अनुशासन देखना चाहती है जो एक स्वयंं सेवक में
होता है. इसी अनुशासन की बदौलत ही आज सं ा की लोकप्रियता का ग्राफ बढ़ा है और
हि दु व के मुद्दे को भुनाती रही है. भाजपा हि दु व के मुद्दे पर ही स ता पर काबिज हो पायी.
जिस दिन भाजपा ने हि दु व का मुद्दा छोड़ा और जि ना का गुनगान राजनैतिक लाभ के लिए
करने लगे उसी दिन से ही भाजपा का ग्राफ नीचे गिरने लगा है.
गड़करी के अ यक्ष बनने के बाद वही
बातें हो रही जो सं ा चाहता है.
गड़करी की मंशा पांच सितारा की
संस्कृति को यागने की है योंकि भाजपा
इंडिया साइन के चकाचौंध में ही पिछले
चुनाव में चौंधिया कर स ता से दूर हो गई
थी. सं ा अगले लोकसभा चुनाव को यान
रखकर कार्य कर रही ताकि फिर से
भाजपा स ता में लौट सके. सं ा का
उद्देश्य भले ही स ता हासिल करना न
रहा हो कि तु बिना स ता को केवल जनसेवा
का पहाड़ा कब तक पढ़ा जा सकता है.
यह बात सभी जानते हैं कि स ता ही सभी का
राजनैतिक लक्ष्य है कि तु सं ा स ता के साथ
सादगी और शुचिता भी चाहती है जो भाजपा
के स ता में रहने के दौरान कहीं नजर
नहीं आयी. सं ा के हि दु व राष्ट्र की
कल्पना को साकार करने का काम कोई
भाजपा नेता नहीं कर सकता यह कार्य
केवल एक स्वयं सेवक ही कर सकता है, यह
बात सं ा प्रमुख भलीभांति जानते हैं इसीलिए
गड़करी को अ यक्ष बनाया गया और
गड़करी वही बातें बोल रहे हैं जो
सं ा की भाषा है . गड़करी को पार्टी को
लाईन में लाने के लिए अभी बहुत मश कत
करनी पड़ेगी.
राजे द्र ठाकुर
पांच सितारा से तंबु तक का सफर
भाजपा के राष्ट्रीय अ यक्ष नितिन गडकरी का अपने ही पार्टी के नेताओं को यह सीख देना
अच्छा लगा कि आगामी दिनो में आयोजित राष्ट्रीय परिषद में शामिल होने वाले नेता पांच
सितारा होटलों की बजाए तंबु में रुके. ाी गड़करी स्वयंसेवक हैं इसलिए भाजपा में सं ा की
संस्कृति विकसित करना चाहते हैं लेकिन आज भाजपा के राष्ट्रीय परिषद मेंशामिल होने वाले
कितने नेता सं ा से जुड़े हैं. स ता के चकाचौंध में गांधारी की तरह जिनके आंखों में भ्रम की
पट्टी बंधी है वह तो तंबु में भी मौजमस्ती का हनीमून मना कर लौट आएंगे. या इससे
भाजपा फिर से के द की स ता में लौट पाएगी. दरअसल सं ा की नजरों में भाजपा का ाटता
जनाधार चिंता का विषय बनता जा रहा है. आज सं ा इस बात को लेकर ज्यादा चिंतित है कि
भाजपा फिर से स ता में कैसे आएगी.सं ा प्रमुख का नितिन को पार्टी अ यक्ष बनाने की
वकालत करना इस बात की पुष्टि करता है कि सं ा अ ाोषित रुप से भाजपा की बागडोर
संभाल चुकी है. सं ा भाजपा में भी वही अनुशासन देखना चाहती है जो एक स्वयंं सेवक में
होता है. इसी अनुशासन की बदौलत ही आज सं ा की लोकप्रियता का ग्राफ बढ़ा है और
हि दु व के मुद्दे को भुनाती रही है. भाजपा हि दु व के मुद्दे पर ही स ता पर काबिज हो पायी.
जिस दिन भाजपा ने हि दु व का मुद्दा छोड़ा और जि ना का गुनगान राजनैतिक लाभ के लिए
करने लगे उसी दिन से ही भाजपा का ग्राफ नीचे गिरने लगा है.
गड़करी के अ यक्ष बनने के बाद वही
बातें हो रही जो सं ा चाहता है.
गड़करी की मंशा पांच सितारा की
संस्कृति को यागने की है योंकि भाजपा
इंडिया साइन के चकाचौंध में ही पिछले
चुनाव में चौंधिया कर स ता से दूर हो गई
थी. सं ा अगले लोकसभा चुनाव को यान
रखकर कार्य कर रही ताकि फिर से
भाजपा स ता में लौट सके. सं ा का
उद्देश्य भले ही स ता हासिल करना न
रहा हो कि तु बिना स ता को केवल जनसेवा
का पहाड़ा कब तक पढ़ा जा सकता है.
यह बात सभी जानते हैं कि स ता ही सभी का
राजनैतिक लक्ष्य है कि तु सं ा स ता के साथ
सादगी और शुचिता भी चाहती है जो भाजपा
के स ता में रहने के दौरान कहीं नजर
नहीं आयी. सं ा के हि दु व राष्ट्र की
कल्पना को साकार करने का काम कोई
भाजपा नेता नहीं कर सकता यह कार्य
केवल एक स्वयं सेवक ही कर सकता है, यह
बात सं ा प्रमुख भलीभांति जानते हैं इसीलिए
गड़करी को अ यक्ष बनाया गया और
गड़करी वही बातें बोल रहे हैं जो
सं ा की भाषा है . गड़करी को पार्टी को
लाईन में लाने के लिए अभी बहुत मश कत
करनी पड़ेगी.

2 comments:

  1. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

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