Thursday, February 24, 2011

रामदेव से जवाब मांगने का हक कांग्रेस को नहीं है.


योग गुरु बाबा रामदेव इन दिनों पेशेवर राजनीतिज्ञों के निशाने पर हैं क्योंकि बाबा रामदेव योग की शिक्षा देते-देते राजनीति की बात करने लगे हैं और राजनीति में जो मुद्दे वे उछाल रहे हैं उससे राजनीतिज्ञों के पेट में दर्द शुरु हो गया है।विदेशों बैंकों में जमा पैसा लाने की वात करने वाले रामदेव से सबसे ज्यादा दुखी कांग्रेस के नेता दिखाई दे रहे हैं तभी तो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्गविजय सिंह भी इस लड़ाई में कूद गये हैं। उन्होंने बाबा के संपत्ति का हिसाब मांग दिया है। लगता है इस मामले में पासा कांगरेस के खिलाफ ही पड़ने वाला है क्योंकि बाबा ने तत्काल अपनी संपत्ति का हिसाब दे दिया है. अब बारी कांग्रेस की है. आजादी के अिधकांश बरसों तक देश में शासन करने वाली कांग्रेस आज कई मुद्दों पर कटघरे में खड़ी है. अगर भारत को अरबोंं खरबों रुपया विदेशों के बैंकों में जमा है तो उसका ६० से ७० फीसदी हिस्सा कांग्रेस नेताओं का ही होगा. शायद इसीलिए कांग्रेस उक्त संपत्ति के बारे में अपनी मंशा स्पष्ट नहीं कर पा रही है. बाबा रामदेव ने पूरे विश्व में स्वास्थ्य के प्रति जो जागरुकता पैदा की वैसा कोई भी नहीं कर पाया है.आज भारत का बच्चा-बच्चा बाबा रामदेव को जानने लगा है. योग करने की बात अब घर-घर होती है और बहुतायत नागिरक योग के माध्यम से अपने आपको स्वस्थ रखने का प्रयास तो कर ही रहे हैं.
बाबा रामदेव ने राजनीति मे आयी गंदगी को दूर करने का भी बीड़ा उठाया है जिसके कारण उनसे लोगों की भीड़ जुड़ रही है और यही पेशेवर राजनीतिज्ञों की पीड़ा का कारण बन रहा है। भारत स्वाभिमान को जगाने का जो बीड़ा उन्होंने उठाया है, उससे जनता जर्नादन को बरसों तक बेवकूफ बनाने वाले लोग हलाकान हो रहे हैं। भष्टाचार के जनक वास्तव में राजनीतिज्ञ ही हैं. पूरा देश अब इस दलदल में गोते लगा रहा है. एक आदमी यदि इसके खिलाफ हो जाए तो उसका ज्यादा दिन तक जीना संभव नहीं है.भष्टाचार के खिलाफ वास्तव में बड़े आंदोलन की जरुरत है जो रामदेव बाबा जैसे संत की अगुवाई में ही संभव हो सकता है. जिस तरह से बाबा रामदेव की संपत्ति की जांच की मांग आज की जा रही है, उसी तरह प्रत्येक नेताओं की संपत्ति की जांच की मांग नागरिकों की ओर से उठनी चाहिए. आखिर जीवनभर खून पसीना बहाकर भी एक आम आदमी लखपति करोड़पति नहीं बन सकता और नेता देखते ही देखते कैसे अरबों का मालिक बन जाता है.जब तक इस तरह की मांग नहीं उठेगी और इसके लिए बड़े आंदोलन नहीं होगें तब तक यह सिलसिला चलता ही रहेगा. बाबा रामदेव से ब्योरा मांगने वालों को जवाब देने का अबसर आ गया है. बाबा के हर अनुयायी इसका जवाब हर काग्रेसी नेता को दे और उनसे पूछे कि बरसों तक राज करने वालें तुम इतने मालदार कैसे बन गये.

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